लफ़्फ़ाज़ी में ला-जवाब गुजरात सरकार ने बाल मजदूर को दिया है एक नया शब्द - बाल श्रम योगी. |
तो फिर इन बच्चों को बाल श्रम योगी की जगह बाल श्रम कैदी कहेना उचित नहीं होगा क्या ? |
भगवान की तरह ये बच्चें सब जगह पर होते है ................................................ |
.......................................... गुजरात हाइकोर्ट की केन्टीन में भी |
जब श्रम विभाग इन बच्चों को मजदूरी से मुक्त करवाता है, तब उन्हे पुनस्थापन के लिए देता है अगरबत्ती की कीट |
और, बाल मजदूरी प्रतिबंध कानून के मुताबिक अगरबत्ती की उत्पादन प्रक्रिया प्रतिबंधित लीस्ट में है और उसमें बाल मजदूों से काम लेना कानूनन अपराध है. |
(स्पष्टता - हमारे ब्लोग पर गुजरात हाइकोर्ट की केन्टीन के इस बाल मजदूर की पोस्ट आने के बाद अब हाइकोर्ट की केन्टीन में ऐसे बाल मजदूर देखे नहीं जाते. अगर आप ऐसा मान लेंगे कि वाइब्रन्ट गुजरात सरकार के प्रगतिशील लेबर डीपार्टमेन्ट ने उस बच्चें का पुनस्थापन करवाया होगा, तो आप गलत सोच रहे है, क्योंक वह बच्चा राजस्थान के डुंगरपुर का था, आदिवासी था, जिनके बारे में खुद गुजरात सरकार नेशनल कमिशन फोर धी प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स की टीम को कह चूकी है कि राजस्थान से आते बच्चों की जिम्मेदारी राजस्थान सरकार की है.)
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