गुरुवार, 25 अप्रैल 2013

अगरबत्तियां बांटो, बालमजदूरी खत्म करो





 बीटी कोटन के खेत में बाल मजदूर
 
2001 की जनगणना के मुताबीक गुजरात में करीब 4.50 लाख बाल मजदूर थे. 2011 में 3.50 लाख हूए. हमारी एक आरटीआई अर्जी के जवाब में हमें बताया गया कि 2001 से 2010 के दौरान गुजरात के श्रम विभाग ने 4391 बाल मजदूरों को "मुक्त" करवाया. वैसे तो निजीकरण तथा उदारीकरण के इस दौर में जब तक बाल मजदूर का परिवार पर्याप्त आजिविका नहीं प्राप्त कर सकता तब तक बाल मजदूर मजदूरी से कैसे मुक्ति पा सकता है? और वह भी अगरबत्ती बनाने की एक कीट से, जो गुजरात का श्रम विभाग बाल मजदूर के पुनस्थापन के लिए देता है. हालांकि अगरबत्ती की उत्पाद प्रक्रिया को बाल मजदूरी प्रतिबंधक कानून ने प्रतिबंधित ठहराया है, गुजरात के श्रम विभाग को ऐसी किट बांटने में कोई शर्म नहीं आती. शायद उनका तर्क ऐसा भी होगा कि गुजरात में अगरबत्तियां बनाने के काम में नफा ज्यादा होगा, क्योंकि गुजरात हाइकोर्ट से लेकर सभी सरकारी संस्थानों में भूमि पूजन के लिए बहुत सारी अगरबत्तियों की ज़रूरत पडेगी.


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